बाग़वानी कैसे शुरू करें

बाग़वानी शुरू करने के लिए सबसे पहली और सबसे ज़रूरी बात है कि शुरू से शुरू करें। पौधे भी घर के सदस्य सरीखे होते हैं। घर में जैसे बाकी लोगों की पसंद-नापसंद होती है वैसे ही हर एक पौधे की अपनी पसंद-नापसंद है, अपनी ज़़रूरतें हैं और अपने नाज़-नखरे भी हैं। उनके साथ आप जितना समय बिताएंगे उतना ही उनके स्वभाव और ज़रूरतों के बारे में जानेंगे। यह एक जीवन भर चलने वाली प्रक्रिया है। आप लगातार कुछ नया सीखेंगे, कुछ नया अनुभव करेंगे। इसलिए शुरूआत में ही यह न सोचें कि मैं दो-चार वीडियो देखकर या आधे घंटे गूगल करके बिल्कुल किसी एक्सपर्ट की तरह ग्राफ्टिंग कर लूंगा या बोनसाई बना लूंगा या 15 किलो की मूली और 25 किलो की गोभी उगा लूंगा। इस सब चक्कर में आप बहुत से पौधे मार भी देंगे, दुनिया भर की चीज़ें खरीदने में फिजूल का खर्च भी कर देंगे और हो सकता है कि बाग़वानी का आपका मोटिवेशन ही पूरी तरह से खत्म हो जाए।
तो ऐसा नहीं करना है। अपने पौधायन की शुरूआत किसी ऐसे पौधे से कीजिए जिसको लगाना आसान हो और जिसके कोई नाज़-नखरे न हों मतलब जो हर तरह का माहौल न सिर्फ बर्दाश्त कर सके बल्कि उसमें खु़श भी रह सके।
कोई भी पौधा जिन परिस्थितियों में जिन्दा रह सकता है उसकी एक रेंज होती है। मतलब हर एक पौधे के लिए ज़रूरी मिट्टी, पानी, खाद, धूप-छाया और तापमान की एक रेन्ज है जिसमें वह सर्वाइव कर सकता है। तो हमें शुरूआत में ऐसा पौधा चुनना है जिसकी यह रेन्ज काफी बड़ी हो। यानी जिसके लिए किसी खास तरह की मिट्टी की ज़रूरत न हो, पानी कम ज्यादा होने से जिसे बहुत फर्क न पड़े, तेज़ धूप से लेकर लगभग अंधेरे तक में जो मजे से रह सके और खाद अगर न भी मिले तो वह पानी में मौजूद मिनरल्स और साल्ट्स से अपना काम चला सके। ऐसे कई सारे पौधे प्रकृति में मौजूद हैं जिनमें से एक है——
हमारा पहला पौधा- स्नेक प्लांट
कैसे पहचानें
स्नेक प्लांट आपको आसानी से किसी भी नर्सरी में मिल जाएंगे। इनकी ज्यादातर प्रजातियों में पत्तियों पर सांप जैसी डिज़ाइन बनी रहती है। तभी तो आमतौर पर इन्हें स्नेक प्लांट कहते हैं। कुछेक प्रजातियों में पत्तियां काफी लम्बी होती हैं जो लोगों को सास की ज़बान की याद दिलाती हैं। इसलिए इन्हें मदर-इन-लॉ’ज़ टंग भी कहा जाता है। पत्तियाँ कठोर, मोटी और नुकीली होती हैं जिनका आकार तलवार जैसा होता है इसलिए संत जॉर्ज की तलवार भी कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम ड्रेकेना ट्राइफसिआटा है।
दुनिया भर में इन पौधों की तकरीबन 70 किस्में पाई जाती हैं जिनमें से 20-25 आपको अपने आसपास की नर्सरी या घरों में दिखाई दे जाएंगी। इनमें छोटे से लेकर बड़े तक कई तरह के आकार-प्रकार और रूप-रंग के पौधे शामिल हैं। इसलिए अगर चाहें तो सिर्फ इनसे ही आप अपना पूरा पौधायन बहुत ही कम देखभाल में सजा सकते हैं।
क्यों लगाएं
स्नेक प्लांट्स को आप अपने घर में ज़रूर लगाइए और केवल इसलिए नहीं कि इनकी देखभाल करना आसान है बल्कि इसलिए भी कि ये आस-पास की हवा को साफ़ रखने में खासी मदद करते हैं। नासा में किए गए एक शोध के मुताबिक ये हवा से कई हानिकारक रसायनों जैसे बेन्जीन, फॉर्मैल्डिहाइड, ज़ाइलीन वगैरह को कम करते हैं। इसके अलावा ये रात में भी ऑक्सीजन देते हैं तो बेडरूम में लगाने के लिए ये बिल्कुल मुफीद पौधे हैं।
चिकनी लम्बी खड़ी पत्तियों वाले ये पौधे देखने में भी खूबसूरत होते हैं। पत्तियाँ नहीं झड़तीं तो घर गंदा भी नहीं होता। ये धूप से लेकर लगभग अंधेरे तक में खुशी से रह लेते हैं तो घर के अन्दर या बाहर लॉन से लेकर बेडरूम तक कहीं भी इन्हें रख सकते हैं।
कैसे लगाएं
स्नेक प्लांट लगाने के लिए आपको सिर्फ एक ही चीज़ की ज़रूरत है और वो है खुद स्नेक प्लांट। आप इन्हें किसी बोतल या जार में पानी भर कर भी लगा सकते हैं।इसके अलावा किसी भी तरह की मिट्टी में इनको गमले या ज़मीन में लगाया जा सकता है। हालांकि इन्हें रेतीली मिट्टी पसंद है जिसमें पानी जमा न हो।
पानी
स्नेक प्लांट को पानी की ज़रूरत बहुत कम होती है। जब मिट्टी पूरी तरह से सूख जाए और उसमें हल्की दरारें पड़ने लगें तब एक बार अच्छी तरह से पानी दें। तब तक जब तक कि मिट्टी पूरी तरह से गीली न हो जाए या गमले के नीचे बने छेदों से पानी निकलने न लग जाए। पानी में लगाया है तो कम से कम 15 दिन में एक बार पानी को ज़रूर बदल दें जिससे इसकी बढ़त अच्छी हो।
धूप
स्नेक प्लांट धूप पसंद करने वाले सरस पौधे (सक्कयुलेंट्स) हैं। ये बाहर खुली धूप में रहना पसंद करते हैं पर छाया में भी ख़ुश बने रहते हैं। अगर इन्हें बेडरूम, बाथरूम या किसी ऐसी जगह पर रखा गया है जहाँ सीधी धूप बिल्कुल नहीं आती तो महीने में कम से कम 4 से 5 दिन इन्हें बाहर ज़रूर रखिये। ऐसा करने से आपका पौधा हमेशा स्वस्थ बना रहेगा और उसकी पत्तियाँ पतली होकर लटकेंगी नहीं।
पहली मुलाक़ात में स्नेक प्लांट्स के बारे में इतना जानना काफ़ी है। अगर आप बागवानी शुरू कर रहे हैं या आपके पास समय की कमी है या कई बार आपको घर से बाहर रहना पड़ता है तो यह पौधा आपके लिए ही बना है। यह आपको कभी निराश नहीं करेगा। सच पूछिए तो इतने सहज-सरल, सुन्दर-सुशील पौधे को सास की ज़बान बोलना एकदम सही नहीं है।
स्नेक प्लांट को अगर आप और अच्छी तरह से जानना चाहते हैं तो बने रहिए हमारे साथ पौधायन में। अपनी अगली बातचीत में हम इनको और क़रीब से जानने की कोशिश करेंगे।
तब तक के लिए नमस्कार!
बहुत ही रोचक एवं आसान भाषा में बहुत ही शानदार विवरण।
पौधायन के साथ बने रहिए! उम्मीद है आगे के लेख भी आपको पसंद आएँगे!!