डर के आगे पौधायन है!

नमस्कार दोस्तो!
आपको बाग़वानी शुरू करने से पहले खुद को मानसिक तौर पर तैयार करना है और इसे लेकर जो भी डर और आशंकाएं आपके मन में हैं उन्हें निकाल फेंकना है। कई बार हम सोचते हैं कि पौधे हम लगा तो लें पर उन्हें रखें कहाँ! हमारा तो छोटा सा अपार्टमेंट है जहाँ खुली जगह नहीं है, कच्ची ज़मीन नहीं है, धूप भी कम आती है। या फिर यह कि मैं अपने काम में बहुत व्यस्त रहती हूं मेरे पास इसके लिए समय ही नहीं है। इसके लिए तो मुझे एक माली रखना पड़ेगा। या कभी-कभी ऐसा भी कि मुझे काम के सिलसिले में अक्सर बाहर जाना पड़ता है तो ऐसे में अगर लम्बे समय तक मैं घर से बाहर रही तो मेरे पौधे मर जाएंगे, आदि आदि आदि।
आपके पास भी अगर ऐसी ही कोई समस्या है तो भी यकीनन आप बाग़वानी शुरू कर सकते हैं और अपने घर में अच्छे और स्वस्थ पौधों वाला पौधायन यानी पौधों की छोटी सी दुनिया बना सकते हैं। इसके लिए आपको सिर्फ अपने घर और लाइफस्टाइल के हिसाब से सही पौधे का चुनाव करना है।
दूसरी बात यह कि पौधों की संख्या बढ़ाने की जगह उनके बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानने की कोशिश कीजिए। होता क्या है कि हम बाज़ार से कोई सुंदर सा पौधा खरीद कर तो ले आते हैं पर उसकी सही ढंग से देखरेख नहीं कर पाते। जिससे वह धीरे-धीरे करके कुछ ही दिनों में अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाता है या अगर नहीं भी मरा तो पहले जैसा खुश और हरा-भरा नहीं रह जाता। फिर हमारे भीतर एक गहरा अपराधबोध पैदा हो जाता है कि इससे अच्छा तो यही था कि उसे नर्सरी में ही रहने दिया होता तो कम से कम वह जिन्दा तो बना रहता। इसकी एक ही वजह है कि हम नर्सरी से जो पौधा खरीदकर ले आए थे उसकी ज़रूरतों के बारे में हमें कुछ भी पता नहीं था।
अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो भी आपको घबराने की ज़रूरत नहीं है। आपको बस इतना करना है कि नर्सरी में लगे सैकड़ों तरह के रंग-बिरंगे पौधों के आकर्षण से बचना है और अपनी ज़रूरत और क्षमता के हिसाब से सही पौधा खरीदना है। क्षमता से मतलब आपके बजट या आर्थिक क्षमता से नहीं बल्कि इस बात से है कि आप उस पौधे का कितना ध्यान रख पाएंगे। याद रखिए हर पौधा हर किसी लिए नहीं होता। अगर आप नई-नई बाग़वानी शुरू कर रहे हैं तो ऐसे पौधे लाइए जिनका रखरखाव बहुत ही आसान हो। कोशिश कीजिए कि एक ही बार में बहुत सारे पौधे खरीद कर मत ले आइए। उतने ही पौधे लाइए जिनका आप अच्छी तरह से ध्यान रख सकें। किसी मित्र, पड़ोसी या जानने वाले से कुछ पौधे, बीज या डालें मांग सकें तो सोने पे सुहागा।
फिर एक और गलती हम करते हैं कि बाग़वानी शुरू करने से पहले ही हम ढेर सारे औजार-हथियार जमा कर लेते हैं। दुनिया भर के खुरपी, फावड़े, कटर, दस्ताने, तरह-तरह की मिट्टी, कोकोपीट, सैंड, ग्रैवेल्स, खाद, रूटिंग हार्मोन्स और भी न जाने क्या क्या ख़रीदकर ले आते हैं जबकि इनका सही तरह से और सही मात्रा में उपयोग करना भी हमें नहीं आता। यकीन मानिए इनमें से बहुत सी चीजे़ं आपके लिए बिल्कुल गैरज़रूरी हैं। सिर्फ कुछ ही चीज़ों की ज़रूरत आपको पड़ेगी और अगर वो भी नहीं हों तो भी आपका काम चल जाएगा। बाग़वानी के लिए आपको बहुत सारा पैसा खर्च करने की कोई ज़रूरत नहीं है। कम खर्च में बढ़िया पौधायन बनाने से आपको कोई नहीं रोक सकता।
तब तक के लिए नमस्कार!